जो भी मिला गरीबों का रक्त चूसता ही मिला,
सुने कौन करुण पुकार, इस देश में ।
भाई-भाई एक दूसरे के शत्रु हो चुके हैं,
दिखे कहाँ एकता या प्यार इस देश में ।।
शिशुपाल, कंस और रावण सरीखे दुष्ट,
जन्म ले रहे हों बार-बार इस देश में ।
कहिये धरा पे राम-राज्य वाला बापू जी का,
होगा कैसे सपना साकार इस देश में ।।"
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इसका इलाज राजनीतिक उथल पुथल या फ़िर इस पुलिस वाले का ससपेंशन आर्डर नहीं है - नये सिरे से पुलिस ट्रेनिंग का पूरी तरह से रिव्यू करना होगा। उन्हें hospitality service होने का मतलब सिखाना होगा।
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