''खाली ये दिमाग होता ही है शैतान का घर,
बोलिए बेरोजगारों को क्या समझायेंगे ।
सब महिलाएं बैठी होंगी आफिसों में और,
सारे ही पुरुष घर भोजन बनायेंगे ॥
सब-कुछ उलट-पलट होने लगेगा तो,
परिवार टूटने से कैसे रोक पायेंगे ।
रोज़गार यदि महिलाओं को मिलेंगे सब,
खाली लड़के तो फिर सीटियाँ बजायेंगे ॥''
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