''दबे-कुचलों या दलितों का रखा स्वाभिमान,
इसलिए ही बहिन जी के गुण गायेंगे ।
अब तो गरीब लोग भी नहीं रहे गरीब,
हम इनकी ही आत्मशक्ति दिखलायेंगे ॥
ऐसे ही बहिन जी की कृपा जो बनी रहे तो,
डरेंगे नहीं किसी भी हद तक जायेंगे ।
बहिन जी इजाज़त दें कहें नसीमुद्दीन,
हम आगे भी नोटों की माला पहिनायेंगे ॥''
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