''वृन्दावन का कृपालुधाम एक और बार,
उमड़ा हुजूम अच्छा खासा देखते रहे ।
पहले ही कितनों को मौत लील चुकी किन्तु,
आज फिर फेंका हुआ पासा देखते रहे ॥
कोई भी दुबारा घटना नहीं घटेगी अब,
देकर के मन को दिलासा देखते रहे ।
कुण्डा हादसा को भूल, वृन्दावन में भी नोट
बँटे, अफसर भी तमाशा देखते रहे ॥''
No comments:
Post a Comment