''आम आदमी का दुःख महसूस किया, जैसे
लगता है आज भावना की खान हो गईं ।
यदि मंहगाई में किराया न बढ़ाया तो,
लगेगा आम आदमी को वरदान हो गईं ॥
रेल मंत्री रेल का बजट लाने वालीं, जब
जनता की रीढ़ झुकके कमान हो गईं ।
रेल का किराया तो रहेगा जस का ही तस,
जनता पे ममता मेहरबान हो गईं ॥''
लगता है आज भावना की खान हो गईं ।
यदि मंहगाई में किराया न बढ़ाया तो,
लगेगा आम आदमी को वरदान हो गईं ॥
रेल मंत्री रेल का बजट लाने वालीं, जब
जनता की रीढ़ झुकके कमान हो गईं ।
रेल का किराया तो रहेगा जस का ही तस,
जनता पे ममता मेहरबान हो गईं ॥''
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