''अवसरवादियों को अमन के गीत नहीं,
उन्हें सिर्फ नफ़रत का ही साज चाहिए ।
यानी कोई स्वार्थ सिद्ध करने की कीमत पे,
न तो देश प्रेम और ना समाज चाहिए ॥
ऐसे लोग नोट और वोट के पुजारी मात्र,
साम, दाम, दण्ड, भेद सिर्फ ताज चाहिए ।
कारण है एक इन सारी बद्तमीजियों का,
राज ठाकरे को ठाकरे का राज चाहिए ॥''
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