''भरपेट भोजन गरीब को नसीब नहीं,
दुःख महसूस हो सके तो ग़म कीजिये ।
भूखे नौनिहाल कितने ही दम तोड़ देते,
शेष हो संवेदना तो आँख नम कीजिये ॥
एक-दूसरे पे थोपने से मँहगाई कम,
होगी भूल के भी मत ऐसा भ्रम कीजिये ।
छोड़ियेगा आप ये भविष्यवाणियों का क्रम,
हो सके तो कुछ मँहगाई कम कीजिये ॥''
दुःख महसूस हो सके तो ग़म कीजिये ।
भूखे नौनिहाल कितने ही दम तोड़ देते,
शेष हो संवेदना तो आँख नम कीजिये ॥
एक-दूसरे पे थोपने से मँहगाई कम,
होगी भूल के भी मत ऐसा भ्रम कीजिये ।
छोड़ियेगा आप ये भविष्यवाणियों का क्रम,
हो सके तो कुछ मँहगाई कम कीजिये ॥''
i listen so many time at mathra.all t best......... from all member KMSS ballia up
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