''शासन की रूचि समस्याएँ सुनने में नहीं,
तब, जब कर्मचारी ख़ुद राज्य का ही है ।
असमर्थ आप, मँहगाई रोकने में तब,
वेतन में उसने ज़रा सी वृद्धि चाही है ॥
शासन तो सुख सुविधाओं से है परिपूर्ण,
किन्तु कर्मचारी आम ज़िन्दगी का राही है ।
सरकार द्वारा कर्मचारियों पे लाठीचार्ज,
सच पूछियेगा तो ये घोर तानाशाही है ॥''
तब, जब कर्मचारी ख़ुद राज्य का ही है ।
असमर्थ आप, मँहगाई रोकने में तब,
वेतन में उसने ज़रा सी वृद्धि चाही है ॥
शासन तो सुख सुविधाओं से है परिपूर्ण,
किन्तु कर्मचारी आम ज़िन्दगी का राही है ।
सरकार द्वारा कर्मचारियों पे लाठीचार्ज,
सच पूछियेगा तो ये घोर तानाशाही है ॥''
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