''कोहरा नहीं है सिर्फ इस साल की ही बात,
कोई खोज के क्यूँ समाधान नहीं लातीं हैं ।
इतनी भी तीव्र गति चालाक क्यूँ रखते हैं,
वक़्त पर लालबत्तियां नहीं दिखातीं हैं ॥
या तो घटनाओं न लेते हैं सबक आप,
अन्यथा कहो क्यूँ गीत मौत के ये गातीं हैं ।
और यदि एक बार में ही लेते हैं सबक,
ट्रेनें बार-बार फिर कैसे भिड़ जातीं हैं ॥''
कोई खोज के क्यूँ समाधान नहीं लातीं हैं ।
इतनी भी तीव्र गति चालाक क्यूँ रखते हैं,
वक़्त पर लालबत्तियां नहीं दिखातीं हैं ॥
या तो घटनाओं न लेते हैं सबक आप,
अन्यथा कहो क्यूँ गीत मौत के ये गातीं हैं ।
और यदि एक बार में ही लेते हैं सबक,
ट्रेनें बार-बार फिर कैसे भिड़ जातीं हैं ॥''
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