''करके प्रवेश करते हैं ख़ुद को ही शुरू,
क्षुद्र राजनीति के यूँ अनुरूप ढालना ।
स्वार्थसिद्धि करना तो जन्मजात, जानते हैं
केवल विरोधियों की टोपियाँ उछालना ॥
देश का विकास, समाधान छोड़िए हुज़ूर,
समस्यायें सिर्फ एक-दूसरे पे टालना ।
जन प्रतिनिधियों को चाह वोट की परन्तु,
ख़ुद भी तो सीखते सही से वोट डालना ॥''
क्षुद्र राजनीति के यूँ अनुरूप ढालना ।
स्वार्थसिद्धि करना तो जन्मजात, जानते हैं
केवल विरोधियों की टोपियाँ उछालना ॥
देश का विकास, समाधान छोड़िए हुज़ूर,
समस्यायें सिर्फ एक-दूसरे पे टालना ।
जन प्रतिनिधियों को चाह वोट की परन्तु,
ख़ुद भी तो सीखते सही से वोट डालना ॥''
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