''स्वच्छ राजनेताओं में कुछ शेष, में से एक
धागा ज़िन्दगी का वही तोड़ के चले गए ।
जीवन ही जिनका संघर्ष की कहानी रहा,
लिख इतिश्री ही मुँह मोड़ के चले गए ॥
रहे थे जो जाने कितनों को छाँव देने वाले,
ख़ुद ही कफ़न एक ओढ़ के चले गये ।
वाम आन्दोलन के पुरोधा कामरेड बसु,
सदा के लिए ही हमें छोड़ के चले गये ॥''
धागा ज़िन्दगी का वही तोड़ के चले गए ।
जीवन ही जिनका संघर्ष की कहानी रहा,
लिख इतिश्री ही मुँह मोड़ के चले गए ॥
रहे थे जो जाने कितनों को छाँव देने वाले,
ख़ुद ही कफ़न एक ओढ़ के चले गये ।
वाम आन्दोलन के पुरोधा कामरेड बसु,
सदा के लिए ही हमें छोड़ के चले गये ॥''
No comments:
Post a Comment