20 January 2010

13 जनवरी 2010 - तो कूरियर से बम बनाने का सामान चल गया.... आगरा से भेजे गए तीन पैकेट बिना किसी जाँच पड़ताल के लखनऊ पहुँच गए.......

''सरकार डाल-डाल अपराधी पात-पात,
दिल में यूँ जिंदगी का खौ़फ़ पलने लगा
कोई भी सुरक्षित नहीं है यही सोच-सोच,
पल-पल हौसले को डर छलने लगा
जैसा-जैसा चाहता है वैसा-वैसा हो रहा है,
ऐसा लगता है कि आतंक फलने लगा
कूरियर बतलाता पग-पग पे है मौत,
बम का समान हमसे भी चलने लगा ॥''



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