''अपराध करते जो पहने लिवास ख़ाकी,
छीन लें पदक सरेआम भी ज़रूरी है ।
होकर निरंकुश सताते आम जनता को,
कस ही दें इनकी लगाम भी ज़रूरी है ॥
नाम और पद का दिखाते खौफ़ बार-बार,
खुलकर हों ये बदनाम भी ज़रूरी है ।
दोषी जो पुलिसकर्मियों से छीनिए पदक,
किन्तु राजनीति में ये काम भी ज़रूरी है ॥''
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