"चाहे कोई हमें साम्प्रदायिक बताये किन्तु,
आत्मा हमारी राष्ट्र की पुजारी रहेगी ।
स्वरों में रहेगी सिंह गर्जना हमारे जो,
सदैव षड्यंत्रकारियों पे भारी रहेगी ॥
जानते हैं सब लोग एक कड़वी सच्चाई,
सच बोलने में बड़ी दुश्वारी रहेगी ।
किन्तु राष्ट्र के विरोध में जो ताकतें खड़ी हैं,
उन सबके खिलाफ जंग जारी रहेगी ॥"
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