24 April 2009

09 अप्रैल 2009 - उत्तर प्रदेश में कुदरत के कहर ने लीं 24 जानें..... जनजीवन अस्त-व्यस्त, फसलें बर्बाद.....

"ईश्वर ने दिखलाया कैसा रौद्र रूप देखो,
कितनों के जीवन का सूर्य अस्त हो गया
फसलों को देखा जब बरबाद होते हुए,
धरती का ईश्वर किसान त्रस्त हो गया
घोर परिश्रम किया, सपना संजोया किन्तु,
सपने का क्षण में महल ध्वस्त हो गया
कुदरत का कहर ले गया चौबीस जान,
जनजीवन समस्त अस्त-व्यस्त हो गया ॥"

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