24 April 2009

05 अप्रैल 2009 - "माँ" बनी मुद्दा... मायावती माँ होतीं तो दर्द समझतीं - मेनका... अच्छे संस्कार डाले होते तो सलाखों के पीछे नहीं होते वरुण - मायावती...

"नष्ट करते समय अपना अमूल्य जब,
चर्चाएँ करें राजनैतिक विकार की
बोलियेगा देश में ये कौन नहीं जानता कि,
जूती पुजती है आज सिर्फ चाटुकार की
बुद्धिजीवियों ने मौनवृत धार लिया क्योंकि,
कोई राह दिखती नहीं यहाँ सुधार की
ऐसा लगे ख़ुद माँ को गाली दे रहे हैं, जब,
बात करते सियासी लोग संस्कार की ॥"

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