"सबकी दशायें औ दिशायें रहीं भिन्न-भिन्न,
मंजिल के हेतु पर वाहन बना लिया ।
अब हम सब मिलकर के लड़ें चुनाव,
लक्ष्य पाने का तो एक साधन बना लिया ॥
छोड़ के अतीत का विरोध देख लीजियेगा,
ख़ुद कल्पनाओं का सिंहासन बना लिया ।
जिनके विचार कभी मिले ही नहीं उन्होंने,
आपस में आज गठबन्धन बना लिया ॥"
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