"यदि सच में हो ग्वाल, माँ ने हों खिलाये माल,
चले आना बरसाने एक बार, होली है ।
पीकर के भंग हुड़दंग करते हो खूब,
बड़े बनते हो सब तीसमार, होली है ॥
दिखते हो भोले पर सब हो छिछोरे, खूब
डालते हो डोरे यूँ जताते प्यार, होली है ।
घूँघट की लेके ओट मार लाठियों की चोट,
सब गोपियों ने कहा लठामार, होली है ॥"
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