"आने वाली पीढ़ियों की फिक्र थी ज़रूर किन्तु,
ख़ुद ज़िन्दगी की कोई परवाह नहीं थी ।
आज़ादी के लिए था अजीब सा दिवानापन,
उनके भी अन्दर जुनूनी थाह नहीं थी ॥
कारण था या तो रहते गुलाम, यदि चाह
आज़ादी की फिर कोई और राह नहीं थी ।
देश की स्वतंत्रता के लिए लड़े थे परन्तु,
उनको कभी महानता की चाह नहीं थी ॥"
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment