19 March 2009

14 मार्च 2009 - झुकिए या जाइये जरदारी... सरकार नहीं गिरना चाहते लेकिन जरदारी जी आतकवादियों से मुकाबला करने की जगह लोकतंत्र से लडाई में जुटे हैं(नवाज़)

"नौ दिन चले अढ़ाई कोस सोचो गतिमान,
कितनी विकास की है चाल जरदारी जी
बैक गेयर में खूब देश को चला रहे हो,
कर दिया आपने कमाल जरदारी जी
भले कितना ही बढ़ता रहे आतंकवाद,
आप बस खीचियेगा माल जरदारी जी
अपने को खुशहाल रखने को किया खूब,
हाल लोकतंत्र का बेहाल जरदारी जी ॥"

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