"नौ दिन चले अढ़ाई कोस सोचो गतिमान,
कितनी विकास की है चाल जरदारी जी ।
बैक गेयर में खूब देश को चला रहे हो,
कर दिया आपने कमाल जरदारी जी ॥
भले कितना ही बढ़ता रहे आतंकवाद,
आप बस खीचियेगा माल जरदारी जी ।
अपने को खुशहाल रखने को किया खूब,
हाल लोकतंत्र का बेहाल जरदारी जी ॥"
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