"चीर के अँधेरा, ले उजाला सूर्य आए किन्तु,
सोने वाला जग जाय ये ज़रूरी नहीं है ।
नानी हौसले की कितनी कहानियाँ सुनाये,
और डर भग जाय ये ज़रूरी नहीं है ।।
बलिदानियों की चाह खौले नौजवान खून,
किन्तु क्रांति जग जाय ये ज़रूरी नहीं है ।
अदालत ने सज़ा सुनादी मौत की परन्तु,
उन्हें फांसी लग जाय ये ज़रूरी नहीं है ।।"
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