11 February 2009

११ फरवरी २००९ - हंगामे के साथ शुरू हुआ उ.प्र. का बजट-सत्र..... महामहिम राज्यपाल को बिना अभिभाषण पढ़े ही जाना पड़ा........

"काग़ज के गोले चले, लहराए बैनर भी,
जैसे कि सभापति का आसन नहीं रहा ।
सिर्फ 'जय-हिंद' बोलकर चुप साध बैठे,
राज्यपाल जी का फिर भाषण नहीं रहा ।।
हमने चुना है प्रतिनिधि ख़ुद, उनमें भी,
संस्कार और अपनापन नहीं रहा ।
घोर जो अभद्रता सदन में दिखाई दी तो,
यूँ लगा कि कोई अनुशासन नहीं रहा ।।"

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