02 February 2009

०२ फरवरी २००९ - सानिया-भूपति ने रचा इतिहास.........

"आंखों में चमकने लगे जो साहस की ज्योति,
एक दिन सूर्य-सा प्रकाश बन जाता है ।
रंग दिखलाता ही है बचपन का प्रयास,
और वो प्रयास ही विश्वास बन जाता है ।।
ख़ुद की ही क्षमताओं से खिलाड़ी जीतता है,
किंतु देश के लिए उल्लास बन जाता है ।
हिन्द का लहू जो यदि लक्ष्य साधने लगे तो,
खेल-खेल में ही इतिहास बन जाता है ।।"

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