"ख़ुद का ही झूठ सत्य सिद्ध करने के हेतु,
बार-बार चीखता पुकारता रहा है पाक ।
नागरिक भेजता बनाकर आतंकवादी,
पकड़े गए तो उन्हें मारता रहा है पाक ।।
साँप बनकर के डसा भी खूब, पहिचान
मिट जाय, केंचुली उतारता रहा है पाक ।
सेना का रहा है साथ हमले की साजिश में,
किन्तु इस सत्य को नकारता रहा है पाक ।।"
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