"मांगने से भीख ना मिलेगी जानते हो फिर
भारत का स्वाभिमान और ढहना है क्या ।
वीरता सुभाष जैसी होनी चाहिए परन्तु,
कायरता बोलो तो तुम्हारा गहना है क्या ॥
आप तो आतंकी मांगते, वो इन्कार करे,
किंतु करवाएगा आतंक, सहना है क्या ।
किसी ठोस निर्णय को छोड़, चूहे-बिल्लियों-सा,
खेल तुम्हें ऐसे खेलते ही रहना है क्या ॥"
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