"व्यवहार में तो आप सो रहे हो , सोचियेगा,
केवल बयानबाजियों में जाग रहे हो !
आज दिखते हो पानी-पानी होते हुए किन्तु,
अपने अतीत में स्वयं आग रहे हो !!
वार करने के लिए हौसला ज़रूरी मित्र,
आप कहाँ इस सच्चाई से भाग रहे हो !
क़ैदी भेड़ियों को तो सज़ा न दे सके हो फ़िर,
पाक से आतंकी किसलिए मांग रहे हो "
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हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है, खूब लिखें, नियमित लिखें, शुभकामनायें… एक अर्ज है कि कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें फ़िलहाल यह अनावश्यक है… धन्यवाद
ReplyDeleteआपका स्वागत है।
ReplyDeleteपीडा झलकती है आपके शब्दों में. स्वागत ब्लॉग परिवार और मेरे ब्लॉग पर भी.
ReplyDeleteबहुत सही और सटीक लिखा है आपने.
ReplyDeleteलेकिन आवश्यकता इस बात पर विचार करने की है कि इस स्थिति को बदला कैसे जाए .
haqeeqat yahi hai bhai sahab.......
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