"शूल जो बबूल के बगीचे में तू बो रहा है,
मिलेंगे कहाँ से फूल क्यूँ नहीं है मानता !
जिसको परोक्ष शह दे रहा है वही तुझे,
चुभता नहीं* तो तब युद्ध नहीं ठानता !!
दूध कितना ही पिला ले तू विष उगलेगा,
विषधर का स्वभाव भी न पहिचानता !
शिव** बनके तू वरदान देने को चला है,
किंतु भस्मासुर की भावना न जानता !!"
* बर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला ** महादेव शंकर
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