अभिमानी, स्वार्थी तू बदले जो चाहे रंग,
तुझको विशाल गिरगिट मानता हूँ मैं !
एक कवि हृदय की वेदना, घमण्ड नहीं,
करतूतें तेरी ब्लॉग पे बखानता हूँ मैं !!
किसी का दे साथ और किसी को मिटाए* तेरी,
भेदभाव पूर्ण नीति पहिचानता हूँ मैं !
कैसा है तू शांतिप्रिय, कितना चरित्रवान**,
अमरीका तेरी सभ्यता को जानता हूँ मैं !!
* ईराक आदि ** क्लिंटन-मोनिका प्रकरण
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dddddd
ReplyDeletevahh vahhh
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