''धमकी, अपहरण और हत्याओं की बात,
सच मान लीजिये यहाँ पे सब खेल है ।
जैसे चोर-चोर बन जाते हैं मौसेरे भाई,
कोई शत्रुता न खूब आपस में मेल है ॥
सरकारी तंत्र की तो धज्जियाँ उड़े हैं खूब,
अपराधियों ने डाली नाक में नकेल है ।
औचक निरीक्षण तो एक साल से न हुआ,
कोई ऐसी-वैसी नहीं यह यूपी जेल है ॥''
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