22 April 2010

22 मार्च 2010 - लश्कर को मिल रहा एलओसी से पैसा... व्यापारी कर रहे मदद, पांच लोगों की गिरफ़्तारी से खुला राज....

''पांच लोगों की गिरफ़्तारी से खुला ये राज,
असफलताओं के वो घाव सिल रहा है ।
सीमाओं से मिलती है दौलत अकूत इस,
ख़ातिर आतंक का चमन खिल रहा है ॥
आतंक फ़ैलाने मे ही काम आएगा ये धन,
सोच-सोच अपना कलेजा हिल रहा है ।
एलओसी पर करते हैं व्यापारी मदद,
पैसा लश्कर को सीमा से ही मिल रहा है ॥''

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