22 April 2010

02 अप्रैल 2010 - बिजली की दरें 20% तक बढीं... सबसे ज्यादा बोझ घरेलू, शहरी उपभोक्ताओं पर......

''छोड़ के सियासत को कौन है यहाँ पे खुश,
हर एक की जुबान पे सवाल होएगा ।
प्रतिनिधियों को चुनने में गलती हुई है,
आम जनता को बस ये मलाल होएगा ॥
हर चीज़ की दरें जो बढ़तीं रहीं तो फिर,
जिन्न मँहगाई का हमारा काल होएगा ।
बिजली की दरें बीस प्रतिशत तक बढीं,
आम आदमी का तो जीना मुहाल होएगा ॥''

No comments:

Post a Comment