''नस्लवाद की नहीं हैं आम घटनाएँ हैं ये,
आस्ट्रेलिया में ये बहाने बन रहे हैं ।
अपने भविष्य को सँवारने चले विदेश,
आज वही मौत के ठिकाने बन रहे हैं ॥
इनसे निपटने का कोई उपक्रम नहीं,
सिर्फ सियासत में फ़साने बन रहे हैं ।
नस्लवाद का ज़हर बढ़ता ही जाए क्योंकि,
भारतीय आज भी निशाने बन रहे हैं ॥''
No comments:
Post a Comment