''देखते समाज की व्यवस्था में कमी तो नहीं,
किन्तु लोग कहते कि कोई काम नहीं है ।
रात रात भर जाग जाग के बिताते ख़ुद,
स्थिति को देखो इतनी भी आम नहीं है ॥
एक लाठी और है बन्दूक का सहारा किन्तु,
नए हथियारों में से एक नाम नहीं है ।
हवाई फिदायीनों से कैसे निपटे पुलिस,
पास में जबकि कोई इन्तज़ाम नहीं है ॥''
किन्तु लोग कहते कि कोई काम नहीं है ।
रात रात भर जाग जाग के बिताते ख़ुद,
स्थिति को देखो इतनी भी आम नहीं है ॥
एक लाठी और है बन्दूक का सहारा किन्तु,
नए हथियारों में से एक नाम नहीं है ।
हवाई फिदायीनों से कैसे निपटे पुलिस,
पास में जबकि कोई इन्तज़ाम नहीं है ॥''
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