13 January 2010

09 जनवरी 2010 - खतो-किताबत के बाद हाकी टीम बाग़ी.... भुगतान नहीं मिलने से ख़फ़ा हाकी खिलाडियों ने की बगाबत....

''जाकर के जानवरों को भी देख लेना कभी,
बैल खींचते हैं बैलगाड़ी, पेट के लिए
और मज़दूर इसलिए करता है श्रम,
मिलती है उसको दिहाड़ी, पेट के लिए
कहीं ना कहीं से कोई राह तो निकाल लेगा,
कोई कितना ही हो अनाड़ी, पेट के लिए
वहाँ राजनीति में भरे हुए अनेक दाग़ी,
यहाँ बाग़ी हुए हैं खिलाड़ी, पेट के लिए ॥''

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