"आ चुका है जिसकी चपेट में सम्पूर्ण विश्व,
हमें मंदी की वो तरुणाई, मार डालेगी ।
कल्पना सा लगता है परिवार को चलाना,
कितनी बड़ी है कठिनाई, मार डालेगी ॥
रोज़गार वाले भी बेरोजगार हो चुके हैं,
हो रही जो मंदी से लड़ाई, मार डालेगी ।
जिंदगी तो अपनी है यूँ ही दुश्वार अब,
ऊपर से बढ़ी महंगाई, मार डालेगी ॥"
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