''कोई भी विपक्ष कमियाँ निकलता है किन्तु,
पद लोलुप तो जय बोलें सरकार की ।
होता मँहगा वही कि जिसका भी नाम लेते,
बातें रस में यूँ विष घोलें सरकार की ॥
भाषण, हकीक़त को लेकर विपक्ष बोला,
चलिए गंभीरता भी तोलें सरकार की ।
मँहगाई पर कितनी हुई गंभीर यह,
संसद की बैंच पोल खोलें सरकार की ॥''
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